What Is Nadi Dosh In Astrology In Hindi

What is nadi dosh in astrology in hindi
ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी दोष को ज्यादा अशुभ मानते हैं। कहा जाता है कि कुंडली मिलान में नाड़ी दोष बनने से निर्धता आना, वर-वधू में से एक या दोनों की मृत्यु जैसी विपत्तियों का सामना करना पड़ सकता है। 1. अगर लड़का-लड़की दोनों का जन्म एक ही नक्षत्र के अलग-अलग चरणों में हुआ हो तो नाड़ी दोष नहीं माना जाता है।
वर वधू की नाड़ी एक हो तो आगे क्या समस्या आ सकती है?
नाड़ी दोष को निम्नलिखित स्थितियों में निरस्त माना जाता है -यदि वर-वधू दोनों का जन्म एक ही नक्षत्र के अलग-अलग चरणों में हुआ हो तो वर-वधू की नाड़ी एक होने के पश्चात भी नाड़ी दोष नहीं बनता। -यदि वर-वधू दोनों की जन्म राशि एक ही हो किन्तु नक्षत्र अलग-अलग हों तो वर-वधू की नाड़ी एक होने के पश्चात भी नाड़ी दोष नहीं बनता।
नाड़ी दोष कितने प्रकार का होता है?
नाड़ी दोष तीन प्रकार के होते है :-आद्य (आदि), मध्य और अन्त्य नाड़ी।
क्या नाड़ी दोष में विवाह हो सकता है?
जब संभावित वर और वधू के जन्म नक्षत्र एक ही नाड़ी में आते हैं, तब यह दोष लगता है। इस दोष के चलते गुण मिलान में 8 गुणों की हानि होती है। इस दोष के लगने से विवाह को वर्जित बताया जाता है। इस दोष के बावजूद विवाह होने पर विवाह में अलगाव, मृत्यु और दुखमय जीवन की आशंकाएं होती हैं।
शादी के लिए कितने गुण मिलने चाहिए?
कितने गुण मिलने से विवाह माना जाता है उत्तम कुंडली में ये सभी मिलकर 36 गुण होते हैं, जितने अधिक गुण लड़का लड़की के मिलते हैं, विवाह उतना ही सफल माना जाता है।
नाड़ी दोष को कैसे खत्म करें
नाड़ी दोष के प्रभाव को समाप्त करने के लिए जरूरतमंद लोगों को सोना, अनाज, भोजन और कपड़े जैसी चीजों का दान करना एक प्रभावी उपाय माना जाता है। नाड़ी दोष के प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति अपने वजन के बराबर भोजन भी अपने विवाह के लिए दान कर सकता है।
दूल्हा और दुल्हन की एक ही नाड़ी हो तो क्या होता है
सरल शब्दों में, जब भी कुंडली मिलान की प्रक्रिया में वर और वधू की एक ही जन्म नाड़ी होती है, तो उस मैच के लिए नाड़ी दोष होता है । समान नाड़ी (आदि नाड़ी, मध्य नाड़ी या अंत्य नाड़ी) वाले जोड़े को नाडी मिलान में 0 अंक प्राप्त होते हैं।
गुण न मिले तो क्या करे?
यदि कुंडली नहीं मिल रही है तो आप सफेद नीलम धारण करके शुक्र को मजबूत करने का उपाय करें। इस रत्न को पहनने से दांपत्य जीवन में सुख बना रहता है। हालांकि इस रत्न को पहनने से पहले आप ज्योतिषी की सलाह जरूर ले लें। – जन्मकुंडली में सातवां घर विवाह का माना जाता है।
नाड़ी का मतलब क्या होता है?
चिकित्सा विज्ञान में हृदय की धड़कन के कारण धमनियों में होने वाली हलचल को नाड़ी या नब्ज़ (Pulse) कहते हैं। नाड़ी की धड़कन को शरीर के कई स्थानों पर अनुभव किया जा सकता है। किसी धमनी को उसके पास की हड्डी पर दबाकर नाड़ी की धड़कन को महसूस किया जा सकता है।
कौन से नक्षत्र में नाड़ी दोष नहीं लगता?
उत्तराभाद्रपद, रेवती, रोहिणी, विशाखा, आद्रा, श्रवण, पुष्य और मघा इन 8 नक्षत्रों में भी वर व कन्या का जन्म नक्षत्र पड़े तो नाड़ी दोष शांत हो जाता है, भरणी, मृगशिरा, शतभिषा, हस्त, पूर्वाषाढ़ा व श्लेषा इन नक्षत्रों में भी नाड़ी दोष नही रहता है।
कुंडली में योनि का क्या अर्थ होता है?
योनि। यह यौन अनुकूलता है। योनी कूट में घोड़े, हाथी, भेड़, सांप, कुत्ता, बिल्ली, चूहा, गाय, भैंस, बाघ, हरे / हिरण, बंदर, शेर, नेवला सहित 14 वर्गीकरण हैं।
लड़कियों में कौन कौन से गुण होने चाहिए?
लड़की में हों ये 14 गुण तो शादी में बिल्कुल ना करें देर!
- अगर वह आपसे ज्यादा समझदार हो तो उसे हमेशा के लिए अपना बनाने में देर ना करें.
- रिश्ते में इमानदारी बहुत जरूरी है. ...
- लड़की की सकारात्मक सोच का असर आप पर भी सकारात्मक पड़ता है. ...
- अगर लड़की समय के अनुकूल खुद को ढालना जानती है तो उससे तुरंत शादी कर लें.
शिव और पार्वती के लिए कितने गुण मिले?
शिव और पार्वती के 36 में से कितने गुण सुमेलित हुए? देवाधि-देव महादेव अजन्मे हैं, वे आदि और बिना अंत के हैं। तो कोई भी उसकी कुंडली प्राप्त नहीं कर सकता है, और कोई भी ग्रह उसे प्रभावित नहीं कर सकता है, इसलिए वह किसी कुंडली तक सीमित नहीं है जिसके माध्यम से हम गुणों का मिलान करते हैं। और वह 36 गुणों तक सीमित नहीं है।
नाम से कुंडली मिलान कैसे करें?
वर - कन्या के नाम के अनुसार या फिर जन्म तिथि से गुण मिलान कर सकते है। शादी में लड़का और लड़की के गुण मिलने आवश्यक होते है, जिससे उनके जीवन में कोई समस्या न आये। वैवाहिक जीवन सुखमय करने के लिए पंडित जी या ज्योतिषी कुंडली मिलान करते है, लेकिन कुंडली मिलान (Kundli milan by name) आप खुद कर सकते है, वो भी बिलकुल मुफ्त में।
कुंडली में मंगल दोष हो तो क्या करना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में मंगल की स्थिति खराब है तो इसके लिए हर मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी होगा। नियमित रूप से हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करें। इससे भी काफी हद तक मंगल दोष से राहत मिलेगी।
राजू दोष क्या होता है?
कुंडली में कालसर्प दोष राहु और केतु के एक साथ आने से होता है. इसके अलावा यदि सभी सात प्रमुख ग्रह राहु और केतु ग्रह की धुरी के भीतर होते हैं तो भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष उत्पन्न होता है. इस दोष की वजह से जीवन में अधिक संघर्ष रहता है. बार-बार बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं.
क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए?
बिल्कुल नहीं! हमें कुंडली में विश्वास नहीं करना चाहिए। कुंडली में विश्वास करना एक बहुत बड़ा अंधविश्वास मात्र है।
क्या कुंडली में लिखा सच होता है?
इसके जवाब में देवी प्रसाद कहते हैं, "जन्म कुंडली बेमानी नहीं होती है. वो व्यक्ति के भविष्य का पूर्वानुमान होती है लेकिन वो सौ फ़ीसदी सच नहीं होती है."
नाम से शादी कैसे निकाले?
नाम के अनुसार कुंडली मिलान का अर्थ होता है कि लड़का और लड़की दोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुण मिलान करना। इसमें दोनों के नाम से पता लगाया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं और इनकी शादी कैसी निभेगी। गणना के अनुसार 36 गुण मिलने पर विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है।
नाड़ी के 3 प्रकार क्या हैं?
There are seven types of pulse.
- Temporal: It is felt in the head.
- Carotid: It is felt in the neck.
- Branchial: It is felt in the elbow.
- Femoral: It is felt at the groin.
- Radial: It is felt on the wrist.
- Popliteal: It is felt on the knee.
- Dorsalis pedis: It is felt on the foot.
Post a Comment for "What Is Nadi Dosh In Astrology In Hindi"